अब तक 40 हजार मरीजों ने करवाया कैंसर का इलाज
लखनऊ, 7 नवंबर 2023: एक तरफ जहां लोगों में स्वास्थ्य और संबंधित योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ी है वहीं आयुष्मान योजना के तहत इलाज करवाने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। वर्ष 2018-21 में जहां 17261 मरीजों ने कैंसर का इलाज करावाया था वहीं वर्ष 2022-23 के दौरान 26124 मरीजों ने आयुष्मान योजना के तहत इलाज करवाया है। यानि पहले के मुकाबले आयुष्मान योजना के तहत 51 प्रतिशत अधिक मरीजों ने कैंसर का इलाज कराया है। यह कहना है स्टेट एजेंसी फॉर कम्प्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटिग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) की सीईओ संगीता सिंह का। सीईओ मंगलवार को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस पर साचीस कार्यालय में स्पेशल इन्टरेस्ट ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रही थी।
उन्होंने बताया कि कैंसर बीमारी से लड़ाई तब ज्यादा आसान होगी जब इसकी जांच गांव या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध होगी। साथ ही इसके इलाज का फालोअप भी जिले में ही होगा। हालांकि कुछ जिलों में इसकी शुरुआत हो चुकी है। वर्तमान में प्रदेश के हर आयुष्मान कार्ड धारक परिवार को खास पैकेज के साथ पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है। इसके तहत वह इस गंभीर बीमारी का इलाज करवा रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत कैंसर के इलाज के लिए 398 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं। उत्तर प्रदेश में अब तक 118,535 कैंसर मरीज़ों ने इलाज लिया जिसके सापेक्ष 312 करोड़ की धनराशि आवंटित की जा चुकी है।
दीपा त्यागी, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि कैंसर बीमारी के प्रति लोगों को और जागरूक होने की आवश्यकता है। इसी हथियार से हम नए मरीजों की वृद्धि को नियंत्रित कर सकते हैं। साथ ही जनपद स्तर पर संसाथनों को अपग्रेड करने की आवश्यकता है। वह दिन दूर नहीं जब हर ग्राम पंचायत व मोहल्ले में ही लोगों के इसी कैंसर की जांच हो सकेगी। उन्होंने बताया कि बीते वर्षों में इस बीमारी के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है वहीं लक्षण के आधार पर इस बीमारी की रिपोर्टिंग भी बढ़ी है। साथ ही निजी पैथालॉजी केंद्र भी लगातार रिपोर्टिंग कर रहे हैं।
एसजीपीजीआई के डॉ गौरव अग्रवाल ने बताया कि कैंसर के इलाज में बड़ी धनराशि खर्च होती है, इसलिए कोशिश यही है कि कमजोर वर्ग को अपनी जेब से कुछ भी खर्च न करना पड़े और उनको इलाज भी आसानी से मिल सके। इस अवसर पर टेक्निकल पार्टनर एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल की नेशनल डायरेक्टर हिमानी सेठी ने वर्तमान की गतिविधियों, उपलब्धियों और लक्ष्य पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में सवाल-जवाब के लिए खुला सत्र आयोजित किया गया। बैठक के दौरान कैंसर रिसोर्स डायरेक्ट्री बुकलेट ‘ट्रांसफार्मिंग प्रोविज़न ऑफ कैंसर केयर’ भी लांच की गई। इस बुकलेट की ई-कॉपी अब सभी आशा समेत फ्रंट लाइन वर्कर्स के पास होगी। इसमें आयुष्मान के अंतर्गत प्रदेश के सभी सूचीबद्ध कैंसर अस्पतालों के पते व फोन नंबर दर्ज हैं। साथ ही कैंसर से बचने के लक्षण, उपाय और कैंसर संबंधी सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई है। स्पेशल इन्टरेस्ट ग्रुप की बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण से ऑनलाइन डॉ शिखा और कई अस्पतालों के चिकित्सक मौजूद रहे।
क्या है कैंसर और क्यों खास है यह दिवस:
कैंसर ग्रस्त शरीर में कोशिकाओं का समूह अवास्तविक रूप से बढ़ने लगता है। यह बीमारी बाल और नाखून को छोड़कर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। जैसे स्तन, सर्वाइकल, फेफड़े, मुंह, किडनी, लीवर और प्रोस्टेट आदि। इस बीमारी के कुछ लक्षण भी हैं जैसे लार में खून आना, लगातार अत्यधिक खांसी आना, त्वचा के रंग व बनावट में बदलाव आना, शरीर में दर्द व थकान बने रहना और पेशाब होने के तरीके में बदलाव होना। इस बीमारी के इलाज में अहम योगदान देनी वाली नोबल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक मैडम क्यूरी के जन्मदिन को पूरी दुनिया में कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के मनाने का उद्देश्य है कि लोगों के बीच कैंसर बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़े।
उन्होंने बताया कि गत वर्ष केजीएमयू के साथ मिलकर साचीस और एक्सेस हेल्थ ने कैंसर मरीजों के इलाज और देखभाल में आ रही चुनौतियों पर आधारित डिमांड और सप्लाई पर शोथ किया था। इसके बाद सरकारी व निजी अस्पतालों के 175 कैंसर चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया। इसके साथ ही स्पेशल इन्टरेस्ट समूह की स्थापना की गई। इसके अंतर्गत लक्षण आधारित स्क्रीनिंग, जांच, इलाज और आर्थिक मदद पर चर्चा हुई एवं इस संबंध में एनएचए को खास तरह का प्रस्ताव भेजा गया। आज यह स्पेशल इन्टरेस्ट ग्रुप की बैठक तीसरी बैठक है।