यह कोई कंप्यूटर ग्राफिक्स नहीं है और न ही कोई सॉफ्टवेयर या मशीन का कमाल! बता दें कि यह अद्भुत वास्तु कला के पुराने जमाने के इंजीनियरों का कमाल है जिनकी अद्भुत कला कौशल आज भी नए ज़माने के इंजीनियरों को दातों तले ऊँगली दबाने पर मजबूर कर देती हैं।
कहते हैं कि सदियों पहले हमारे पूर्वजों ने पचासों फिट ऊंचे मंदिरों के भीतरी छतों में ऐसी नक्काशियाँ कीं जो आज के मॉडर्न इंजीनियरों को अपने हुनर के आगे शर्मिंदा कर देती हैं। -प्रदीप ताम्हणकर