Share Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Post Views: 207 देख कर आँगन, छतें फिर याद घर आने लगा आग दिल में और कसक आँखों में बादल फिर घना छाने लगा। एक चिड़िया जिसने जंगल को किया आबाद था चीखना रोना उसी का दिल को धड़कने लगा आशा शैली