इलेक्शनराजनीतिविषय मुद्देसाहित्य हे वोटर श्रीमान, शरण में मुझको लेना By Shagun - November 2, 2020 0 327 कच्चा हूं ईमान का, पक्का बेईमान। जैसा हूं, हूं आपका, हे वोटर श्रीमान॥ हे वोटर श्रीमान, शरण में मुझको लेना, एक बार फिर और, वोट मुझको ही देना, अवगुण करना माफ, न दे देना तुम गच्चा। आदत है क्या करूं, कौल का हूं मैं कच्चा॥ – सी. एम. त्रिपाठी