नई दिल्ली,14 अप्रैल। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बताया कि कक्षा छह से लेकर 12 तक के पाठ्यक्रम की सभी किताबों के मुख पृष्ठ के अंदर के पन्ने पर पोस्को अधिनियम और सातों दिन 24 घंटे बच्चों की मदद के लिए उपलब्ध हेल्पलाइन के नंबर प्रकाशित किए जाएंगे। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों में इन्हें प्रकाशित किया जाएगा। यह कदम बच्चों को सुरक्षा और शिकायतों के संदर्भ में जानकारी प्रदान करने के मकसद से उठाया गया है।
साल 2017 में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से एनसीईआरटी के प्रकाशनों के माध्यम से पोस्को-ई बॉक्स और चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर-1098 का प्रचार करने, बच्चों के यौन उत्पीडऩ पर बनी शैक्षणिक फिल्मों की स्कूलों में स्क्रीनिंग कराने और सहायक स्टाफ की नियुक्ति को लेकर सख्त मानदंड निर्धारित करने का अनुरोध किया था।
यह कदम उठाए जाने के बाद मेनका ने अपने सुझावों को लागू करने के लिए जावड़ेकर और एनसीईआरटी का आभार जताया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मुताबिक, पाठ्यक्रमों की किताबों के जरिए यह जानकारी करीब 15 लाख स्कूलों के 26 करोड़ स्कूली छात्रों और 10 लाख शिक्षकों-शिक्षिकाओं तक पहुंचने की उम्मीद है।