ज्ञातव्य है कि 27 मई, 2017 को राज्यपाल/कुलाधिपति की अध्यक्षता में प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा के साथ राजभवन में एक बैठक का आयोजन किया गया था जिसमें राज्य विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु तथा विश्वविद्यालयों की प्रशासनिक व अकादमिक संरचना से संबंधित विधियों में वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप संशोधन हेतु विचार-विमर्श किया गया। बैठक में राज्यपाल की प्रमुख सचिव सुश्री जूथिका पाटणकर, राज्यपाल के विधिक परामर्शदाता श्री एसएस उपाध्याय तथा अपर मुख्य सचिव (उच्च शिक्षा) श्री संजय अग्रवाल भी सम्मिलित हुए थे। बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसरण में राज्य सरकार द्वारा 16 जून, 2017 को राज्यपाल/कुलाधिपति के विधिक परामर्शदाता श्री एसएस उपाध्याय की अध्यक्षता में एक सात-सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।
समिति को विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन के लिए छः माह में रिपोर्ट देने तथा राज्य के समस्त निजी विश्वविद्यालयों के अलग-अलग अधिनियमों के स्थान पर एकल अधिनियम का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कहा गया था। समिति के अन्य सदस्य (1) श्रीमती मधु जोशी, विशेष सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, (2) डाॅ. शैलेन्द्र कुमार तिवारी, प्रभारी विधि प्रकोष्ठ, उच्च शिक्षा निदेशालय, उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद, (3) श्री शैलेश कुमार शुक्ल, कुलसचिव, ख्वाजा मुईनुद््दीन चिश्ती उर्दू अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ, (4) प्रो. बलराज चैहान, निदेशक, एमिटी विश्वविद्यालय, लखनऊ, (5) प्रो. जेवी वैशम्पायन, तत्कालीन कुलपति, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर तथा (6) श्री कामेश शुक्ल, अपर विधिक परामर्शदाता राज्यपाल थे।
समिति ने कुल 44 बैठकें कीं जिसमें समिति के सदस्यों के अतिरिक्त उच्च शिक्षा के क्षेत्र से सम्बन्धित वर्तमान व पूर्व कुलपतियों/शिक्षकों/काॅलेजों के प्रबन्ध तन्त्र के पदाधिकारियों/ शिक्षाविदों/न्यायाधीशों/विधिवे
समिति ने उत्तर प्रदेश राज्य में निजी क्षेत्र में स्थापित समस्त राज्य विश्वविद्यालयों के उनके पृथक-पृथक अधिनियमों को समाप्त करके समस्त राज्य विश्वविद्यालयों के नियमन एवं नियंत्रण के लिए एकल अधिनियम बनाये जाने के लिए ’’उत्तर प्रदेश राज्य निजी विश्वविद्यालय विधेयक, 2017’’ का ड्राफ्ट भी तैयार किया, जिसे समिति द्वारा माह दिसम्बर, 2017 में ही राज्य सरकार को सौंप दिया गया था।
राज्यपाल ने बैच लगाकर सम्मानित किया
लखनऊः 3 मार्च, 2018: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज राजभवन में तैनात 2005 बैच के उपनिरीक्षक श्री कुलदीप सिंह की निरीक्षक पद पर प्रोन्नति होने पर उनको तीन स्टार लगाकर सम्मानित किया। श्री कुलदीप सिंह राजभवन में तैनाती से पूर्व लखनऊ के विभिन्न थानों में तैनात रह चुके हैं।
ज्ञातव्य है कि कुलदीप सिंह समर्पित एवं कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी होने के साथ-साथ एक सुहृदय कवि भी है। श्री कुलदीप अनेक अवसरों पर अपनी कविताओं का पाठ किया है तथा राजभवन में आने वाले विशिष्ट महानुभावाओं जैसे राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आदि को उनके आगमन पर अपनी स्वागत कविता भेंट कर चुके है। श्री कुलदीप द्वारा रचित उत्तर प्रदेश गीत के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस समारोह के अवसर उप राष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडु द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। उनके गीत को प्रख्यात गायक श्री सोनू निगम ने आवाज दी है।
राज्यपाल से अधिकारियों एवं गणमान्य नागरिकों ने भेंटकर होली की बधाई दी
लखनऊः 1 मार्च, 2018: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक से आज राजभवन में होली के अवसर पर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल सिब्ते रजी, मुख्य सूचना आयुक्त श्री जावेद उस्मानी, जल निगम के अध्यक्ष श्री जी. पटनायक, वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों, विश्वविद्यालय के कुलपतिगण, विभिन्न शैक्षिक संस्थानांे के प्रतिनिधिगण, पत्रकार तथा गणमान्य नागरिकों ने भेंट की तथा होली की बधाई दी।
होली के अवसर पर बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा है कि होली का पावन पर्व हमें सारे भेदभाव भुलाकर आपसी सद्भाव के वातावरण में पर्व मनाने का सन्देश देता है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि भाईचारे का यह त्यौहार सभी सम्प्रदाय एवं वर्गों के बीच प्रेम-स्नेह और सौहार्द की भावना को और मजबूत बनायेगा।
इससे पूर्व राज्यपाल ने राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में राजभवन के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को होली की बधाई दी तथा उनकी सुख-समृद्धि की कामना की है। इस अवसर पर राज्यपाल ने राजभवन उद्यान के कर्मचारियों को खाद्यान्न एवं मिष्ठान वितरित किया।