- एससी/एसटी एक्ट को निष्प्रभावी किये जाने के मुद्दे पर भारत बन्द का नैतिक समर्थन करते हुए आरक्षण समर्थकों ने लम्बित पदोन्नति बिल को पास कराने को लेकर किया प्रदर्शन
- संघर्ष समिति संयोजकों का प्रदर्शन शुरू होते ही भारी पुलिस बल तैनात, लगा इलेक्ट्रिानिक मीडिया का जमावड़ा
लखनऊ, 02 अप्रैल। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 की शिथिलता व लम्बित पदोन्नति बिल को पास कराने को लेकर आज पूरे प्रदेश में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के आहवान पर 8 लाख आरक्षण समर्थक कार्मिकों ने भारत बन्द का नैतिक समर्थन करते हुए सुबह 10 बजे से 12 बजे तक लघु अवकाश लेकर काली पट्टी बांधकर अपने गुस्से का इजहार करते हुए पूरे प्रदेश में जोरदार तरीके से संवैधानिक प्रदर्शन किया और 12 बजे के बाद सभी कार्यालयों में आरक्षण समर्थक कार्मिकों ने नियमित अपने कार्य को कालीपट्टी बांधकर निपटाया।


आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजकों अवधेश कुमार वर्मा, केबी राम, राम शब्द जैसवारा, आरपी केन, अनिल कुमार, अजय कुमार, श्याम लाल, अन्जनी कुमार, रीना रजक, महेन्द्र सिंह, दिग्विजय सिंह, पीपी सिंह, बनी सिंह, प्रेम चन्द्र, अशोक सोनकर, दिनेश कुमार, अजय चौधरी, सुखेन्द्र प्रताप, राधेश्याम, आदर्श कौशल, अजय कनौजिया, आनन्द कनौजिया, राजेश पासवान, श्रीनिवास, सुनील कुमार ने कहा जिस प्रकार से केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 पर मा सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू याचिका दाखिल करने की बात की गयी है, उससे काम चलने वाला नहीं है। पदोन्नतियों में आरक्षण पर दलित कार्मिकों का रिवर्शन सभी के सामने है। केन्द्र की मोदी सरकार तमाशा देखती रही और दलित कार्मिकों का उत्पीड़न होता रहा। ऐसे में केन्द्र की मोदी सरकार वास्तव में यदि दलितों की हितैषी है तो अविलम्ब अध्यादेश लाकर एससी/एसटी अत्याचार निरोधक अधिनियम को बहाल करे और संसद का विशेष सत्र बुलाकर कठोर कानून बनवाये और लोक सभा में लम्बित पदोन्नति का बिल भी पास कराये।