कोरोना टीकाकरण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण, पहचान पत्र या मोबाइल अनिवार्य नहीं
केन्द्र सरकार की ओर से स्पष्ट शब्दों में आश्वस्त किया गया है कि जो लोग अपनी पहचान साबित करने के लिए कोई भी कागज यानी पहचान पत्र या प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में समर्थ नहीं हैं उन लोगों को भी टीकाकरण के दायरे में लाने के मकसद से विशेष सत्र आयोजित करने के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं। साथ ही सरकार की ओर से यह भी साफ कर दिया गया है कि कोरोना का टीका लगवाने के लिए ना तो लाभार्थी के पास मोबाइल फोन होना अनिवार्य है और ना ही पहले से को-विन ऐप पर इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना आवश्यक है।
अलबत्ता केन्द्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक अब तक विशेष सत्र के माध्यम से दो लाख ऐसे लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है जिनके पास ना तो मोबाइल फोन है और ना ही पहचान या पते का कोई प्रमाण पत्र उपलब्ध है। साथ ही केन्द्र सरकार की ओर से दावा किया गया है कि दिव्यांग व्यक्तियों और वृद्धजनों को उनके घर के नजदीक ही टीकाकरण की सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
दरअसल पिछले दिनों कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह बताया गया कि तकनीकी जरूरतों की अनुपलब्धता के कारण बेघर लोगों का कोविङ19 टीकाकरण के लिए पंजीकरण नहीं हो सका और सरकार ने उन्हें टीकाकरण अभियान से अलगथलग करके छोड़ दिया है। इन रिपोर्टों में दलील दी गई कि डिजिटल रूप से पंजीकरण करने की आवश्यकता, अंग्रेजी का ज्ञान और कंप्यूटर या इंटरनेट से जुड़े स्मार्ट फेन की उपलब्धता सरीखी अनिवार्यताओं को पूरा नहीं कर पाने वाले लोगों को टीकाकरण की सुविधा के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इन रिपोर्टों में किए गए दावों को निराधार बताते हुए स्पष्ट किया है कि ना तो मोबाइल फोन की उपलब्धता टीकाकरण के लिए कोई आधार है और ना ही टीकाकरण का लाभ लेने के लिए निवास स्थान का प्रमाण प्रस्तुत करना अनिवार्य है। यहां तक कि टीकाकरण का लाभ लेने के लिए को-विन पर ऑनलाइन पूर्व-पंजीकरण करना भी अनिवार्य नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि टीकाकरण का लाभ लेने के लिए आधार, मतदाता फोटो पहचान पत्र, फोटो के साथ राशन कार्ड और दिव्यांगता पहचान पत्र सहित नौ पहचान पत्रों में से एक की जरूरत है। लेकिन सरकार ने उन लोगों के लिए भी टीकाकरण सत्र आयोजित करने को लेकर विशेष प्रावधान किए हैं जिनके पास नौ निर्दिष्ट पहचान पत्र में से एक भी नहीं हैं या जिनके पास मोबाइल फोन नहीं है। जिनके पास इंटरनेट या मोबाइल फ़ोन नहीं है उनके लिए सभी सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर मुफ्त ऑन-साइट (वॉकइन) पंजीकरण और टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है।