नई दिल्ली,21 अप्रैल। मां यदि स्वस्थ नहीं है, तो इसका सबसे बुरा असर उसके बच्चों पर पड़ता है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि मां के बीमार होने से नवजात शिशु ही नहीं, बल्कि बढ़ी उम्र के बच्चे भी प्रभावित होते हैं। अध्ययन में सामने आया है कि यदि मां अवसादग्रस्त है, तो 16 वर्ष की उम्र तक के बच्चों का आइक्यू लेवल घट सकता है। साथ ही बच्चों की बुद्धिमत्ता और स्मरण शक्ति भी प्रभावित होती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने करीब 900 बच्चों और उनकी मां का सर्वे करने के बाद इसकी पुष्टि की। बाल्यावस्था से लेकर 16 साल का उम्र का होने तक हर पांच साल पर आइक्यू टेस्ट कर उनकी बौद्धिक सामर्थ्य का पता लगाया गया। इसके साथ ही माताओं में भी अवसाद के लक्षणों की जांच की गई।