संयुक्त राष्ट्र संघ ने कई वर्ष पहले विकास के सतत लक्ष्य निर्धारित किए थे। उत्तर प्रदेश विधान सभा में इस पर चर्चा की गई थी। इससे यह तथ्य भी सामने आया कि संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत विकास लक्ष्य महात्मा गांधी के चिन्तन पर आधारित है। इसकी प्रासंगिकता भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए है। महात्मा गांधी का चिंतन सम्पूर्ण मानवता के लिए था। वह ऐसा समाज चाहते थे जिसमें हिंसा के लिए कोई जगह न हो। सभी लोग शांति और सौहार्द के साथ रहें। आपसी मदभेद का समाधान भी परस्पर वार्ता से ही होना चाहिए। स्वछता पर भी उन्होंने बहुत बल दिया था। गांधी जी ने खादी को स्वतंत्रता, राष्ट्रीय स्वाभिमान और आर्थिक स्वावलंबन से जोड़ा था। वह मानते थे कि इससे ग्रामीणों को रोजगार भी मिलता है। सत्रह सतत विकास लक्ष्यों को सामने रखता है, जिसका उद्देश्य गरीबी को समाप्त करने, शांति को बढ़ावा देने, सभी लोगों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा करने और ग्रह की रक्षा करने के लिए वैश्विक प्रयासों को संगठित करना है। सतत विकास के लक्ष्यों पर छत्तीस घण्टे निरन्तर चर्चा की गयी थी।
महात्मा गांधी की एक सौ पचासवीं जयन्ती कार्यक्रम पर विधान मण्डल का विशेष सत्र आहूत किया गया था। वर्तमान विधानसभा के अधिवेशन से पहले व्यवस्था को ई-विधान के रूप में परिवर्तित किया गया। यह कार्य आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में सम्पादित हुआ। इस कारण इसका विशेष महत्व है। इसके साथ ही यह आगामी पच्चीस वर्ष के लक्ष्य निर्धारण का अमृत काल भी है। इसमें विधानसभा की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रभावी कार्यवाही के माध्यम से इसमें योगदान दिया जा सकता है। उत्तर प्रदेश की विधानसभा एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने में सहायक बनेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत सचिवालय का निर्माण किया है। इसका उद्देश्य ये है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गांव को ही स्वावलंबी बनाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार किया जा सके। वहां पर कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में पंचायत सहायक रखा गया है। बीसी सखी रखी गई है, जो गांव के अंदर बैंकिंग लेनदेन का कार्य करती है। हमने 6 महीने के लिए उन्हें एक निश्चित मानदेय के साथ जोड़ा, लेकिन जब बैंक से उनका कमीशन बन गया तो वह अच्छी आय अर्जित कर रही हैं। अनुपूरक बजट से राज्य के विकास और विभिन्न क्षेत्रों को लाभ मिलेगा। नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और प्रदेश का समग्र विकास सुनिश्चित होगा।
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में 12909 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। यह मूल बजट का 1.66 प्रतिशत है। अनुपूरक बजट में ऊर्जा विभाग के लिए 200 करोड़ रुपये, परिवहन विभाग के लिए 100 करोड़ रुपये,ओपन जिम के लिए 100 करोड़ रुपये व संस्कृति विभाग के लिए 75 करोड़ रुपये आवंटित किया गया। वहीं यूपी रोजगार मिशन के तहत 49.8 करोड़ रुपये का बजट मिला है। माध्यमिक शिक्षा के लिए 284 करोड़, आईसीटी लैब के लिए 66 करोड़ प्रस्तावित व अटल आवासीय विद्यालय के लाइट 54 करोड़ आवंटित किये गये हैं।
- डॉ दिलीप अग्निहोत्री