बाल साहित्य पर अच्छा सृजन हो रहा है, बच्चों के लिए लिखना बहुत ही मुश्किल काम है : हृदय नारायण दीक्षित
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ के तत्त्वावधान में अभिनन्दन पर्व-2019 का आयोजन यशपाल सभागार, हिन्दी भवन में 28 फरवरी को सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि हृदय नारायण दीक्षित अध्यक्ष विधान सभा,उपस्थित रहे। समारोह की अध्यक्षता डा. सदानन्दप्रसाद गुप्त, कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा की गयी। मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्पण के उपरान्त प्रारम्भ हुए कार्यक्रम में डा. पूनम श्रीवास्तव द्वाराबाल साहित्यकार सोहनलाल द्विवेदी की पंक्तियाँ ‘वन्दना के इन स्वरों में एक स्वर मेरा मिला दो की संगीतमय प्रस्तुति की गयी।
मंचासीन अतिथियों का स्वागत उत्तरीय द्वारा श्रीकान्त मिश्रा, निदेशक हिन्दी संस्थान ने किया। अभ्यागतों का स्वागत करते हुए श्रीकान्त मिश्रा ने किया।
समारोह के इस अभिनन्दन पर्व पर हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि हमें विश्वास है कि आपने करकमलों द्वारा अभिनन्दित साहित्यकार, विद्यार्थी एवं युवा रचनाकार अपने-अपने क्षेत्र में और अधिक यश प्राप्त करेंगे।
उन्होंने कहा कि अध्यक्षता कर रहे डा. सदानन्दप्रसाद गुप्त, कार्यकारी अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के प्रति भी हम आभारी हैं। बाल साहित्य संवर्द्धन योजना के अन्तर्गत प्रतिष्ठित बाल साहित्यकारों की स्मृतियों को अक्षुण्य बनाने के साथ-साथ बाल साहित्य की विभिन्न विधाओं यथा कहानी, कविता, समीक्षा, इतिहास लेखन, पत्रकारिता, चित्रकला, विज्ञान लेखन आदि को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष बाल साहित्यकारों को सम्मानित करता है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष नौ विधाओं में विभिन्न दिवंगत बाल साहित्यकारों के नाम से जिन बाल साहित्यकारों का सम्मान हो रहा है उन्हें बहुत-बहुत शुभकामनाएं है।
हमें तो बच्चों को चित्रों के माध्यम से उन्हें उनके सुन्दर कल्पना लोक में ले जाना होता है: सुशील दोषी
बच्चों की कहानियों और कविताओं पर चित्रांकन करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है जिस तरह कहानियां और कविताएं बहुत महतपूर्ण है उसी तरह चित्रों को भी बनाना बहुत ही कठिन कार्य है। हमें तो उस विषय के एक -एक पल को चित्रित करना होता है वह भी पूरे बैकग्राउंड और वेशभूषा के साथ, हालाँकि आज तकनीक काफी विकसित हो गयी है लेकिन फ्री हैंड चित्रों की बात ही अलग होती है। बस यू समझ लीजिए हमें तो बच्चों को चित्रों के माध्यम से उन्हें उनके सुन्दर कल्पना लोक में ले जाना होता है जहाँ उन्हें चित्र देखकर भरपूर आनंद मिले।
यह नौ रत्न हुए सम्मानित :
- सुभद्रा कुमारी चौहान महिला बाल : साहित्य सम्मान – किरण सिंह, बालिया
- सोहनलाल द्विवेदी बाल कविता सम्मान – गौरी शंकर वैश्य विनम्र, : लखनऊ
- अमृतलाल नागर बाल कथा सम्मान : – डॉ. दयाराम मौर्य रत्न, प्रतापगढ़
- शिक्षार्थी बाल चित्रकला सम्मान – चित्रकार सुशील दोषी, लखनऊ
- लल्ली प्रसाद पांडेय बाल साहित्य पत्रकारिता सम्मान – अरविंद कुमार साहू, रायबरेली
- डॉ. रामकुमार वर्मा बाल नाटक सम्मान – गुडविन मसीह, बरेली
- कृष्ण विनायक फड़के बाल साहित्य समीक्षा सम्मान – नीरज शास्त्री, मथुरा
- जगपति चतुर्वेदी बाल विज्ञान लेखन सम्मान – अजय गुप्त, शाहजहांपुर
- उमाकांत मालवीय युवा बाल साहित्य सम्मान – सतीश कुमार अल्लीपुर, संभल