कर्मियों का आरोप : बीबीएयू प्रशासन गबन करना चाह रहा दो करोड़ रूपये,16 मई को भुगतान के आसार नहीं
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में संविदा/आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के शोषण मामला सामने आया है।विश्वविद्यालय में 3 साल पहले पुरानी एजेंसी श्री साई नाथ एसोसिएट को यूनिवर्सिटी से हटाया गया था लेकिन कर्मचारियों को नवंबर,दिसंबर 2021 और 2022 जनवरी के 11 दिन का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया। विश्वविद्यालय में लगभग संविदा/आउटसोर्स के माध्यम से 300 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसमें ऑफिस कर्मचारी, माली एवं सफाई कर्मचारी भी शामिल हैं। इन सभी कर्मियों की कुल भुगतान धनराशि लगभग दो करोड़ रूपये है।
सूत्रों के अनुसार आउटसोर्स पर तैनात कर्मचारियों के माध्यम से सीपी ग्राम पोर्टल पर शिकायत की गयी। शिकायत लखनऊ के श्रम मंत्रालय के रीजनिंग लेबर कमिश्नर ऑफिस केंद्रीय भवन अलीगंज में आने के बाद एक दिसंबर 2023 को शिकायतकर्ता कर्मचारी एवं पुरानी एजेंसी के ठेकेदार और विश्वविद्यालय के कुलसचिव को बुलाया गया। पहली ही तारीख पर लेबर कमिश्नर अफसर ने विश्वविद्यालय को अपने माध्यम से कर्मचारियों का भुगतान करने का आदेश दिया था।
विश्वविद्यालय श्रम कानून अनुसार सीधे भुगतान कर सकती है लेकिन विश्वविद्यालय में बैठे प्रशासनिक अधिकारियों ने 3 साल तक कर्मचारियों का भुगतान नहीं किया है। लेबर कमिश्नर अफसर ने उसी दिन से विश्वविद्यालय प्रशासन को चार माह में चार बार आदेश दिया जा चुका है, फिर भी विश्वविद्यालय में बैठे प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारियों की फाइल को आगे बढ़ाने में हीलाहवाली कर रहे हैं। आगामी 16 मई 2024 को लेबर कमिश्नर द्वारा विश्वविद्यालय को कर्मचारियों का भुगतान करने का अंतिम आदेश दिया गया है लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के कार्य को देखते हुए 16 मई को भी भुगतान होने की संभावना न के बराबर है। कर्मियों ने आरोप लगाया कि विवि के प्रशासनिक अधिकारी जानबूझकर भुगतान नहीं करना चाहते हैं। इसमें गोल-मटोल करके करोड़ो रूपये का गबन करना चाहते हैं।