स्मृतियाँ शेष: विक्रम बेताल के चित्रांकन से हुए प्रसिद्ध
अगर आपने बच्चों की प्रसिद्ध पत्रिका ‘चंदामामा’ पढ़ी है तो इसकी विक्रम-बेताल वाली सीरीज भी ज़रूर याद होगी। 50 साल तक इस श्रृंखला के लिए चित्र बनाते रहे वरिष्ठ चित्रकार के सी शिवशंकरन (97) अब इस दुनिया में नहीं रहे। बता दें कि केसी शिवशंकरन चंदामामा के इलस्ट्रेटर थे, देश के बेहतरीन चित्रकारों में शुमार रहे शंकर ने चेन्नई में बीते 29 सितंबर को 96 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। बता दें कि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी चंदामामा पत्रिका के बड़े प्रशंसक रहे हैं। बता दें की उन्होंने चंदामामा के लिए चित्रांकन इतने शानदार किये कि उनका नाम ही चंदामामा शंकर पड़ गया था।
दोस्तों बता दें कि बचपन में रेलवे स्टेशन के बुक स्टॉल में जिस किताब पर सबसे पहले नजर अटकती वो थी “चन्दा मामा” । इसकी कहानियों का अपना ही एक अद्भुत संसार होता। मनमोहक चित्रों से भरी चन्दा मामा में गरीब किसान, लालची जमींदार, पंडिताइन, दो भाइयों, राजा -रानी, मंत्री दरबार और राज्य की बेजोड़ कहानियाँ होती। अब आज के समय में मोबाइल में बिज़ी लोग चंदा मामा की दीवानगी को क्या समझेगे। लोग इन पत्रिकाओं के संग्रह को कभी भी रद्दी में नही जाने देते थे। इसे दुबारा से पढ़ना और इसके चित्रों को बार बार निहारना ही इसकी खासियत थी।
मालूम हो कि इस पत्रिका के चित्रों में दक्षिण भारत की गौरव शाली परम्परा के दर्शन होते। चित्रों को निहारते हुए आप उसमें दर्शाए नगर , वहाँ की गली में बने घर , सांमने आँगन में खींची अल्पना , लंबी चोटी और बड़ी आँखों वाली महिला के दालान में रखे कलश, ऊँचे ऊँचे पिल्लर, सिंहासन पर राजमुकुट पहने राजा और दरबारियों के बीच खुद को खड़ा पाते। आपको तो ‘चंदामामा’ की विक्रम-बेताल वाली सीरीज भी ज़रूर याद होगी। इसके चित्रों में खींचा जंगल, साँप, नरमुंड, कड़कती बिजली एक तिलस्मी दुनिया के अहसास से झुरझुरी लाते थे। कागज में आपकी आँखों के आगे एक दुनिया खींच देने वाले इसके चित्रकारों में से जिन्होंने 50 साल तक चंदामामा की विक्रम बेताल सीरीज के लिए चित्र बनाए वरिष्ठ चित्रकार के सी शिवशंकरन का 97 वर्ष की उम्र में निधन हो गया वह आज हमारे बीच नहीं है लेकिन अपनी चित्रों से सजी रंग बिरंगी वाली स्मृतियाँ जरूर छोड़ गए। उनके लिए विनम्र श्रद्धांजलि तो बनती ही है।







