इजरायल और हमास के बीच भीषण जंग बीते कई दिनों से जारी है लड़ाई रुकने का नाम नहीं ले रही है ऐसे में जनहानि होना लाजिमी है लेकिन ऐसे में वह क्या करें जो दूर देश जाकर रोजगार या नौकरी करते हैं वह भी युद्ध की परिणीति झेलते हैं। ऐसे संकट में भारत ने पहले रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान सहस भरा कदम उठाया था और अब इजरायल और हमास के बीच छिड़े युद्ध के दौरान अपने भारतीय को सुरक्षित घर वापस ला रहा है जो बहुत ही सराहनीय कदम है ।
पश्चिम एशिया में इजरायल व हमास के बीच जंग से वहां जाकर बसे लोग भी इन लोगों की जिंदगी लगातार जोखिम में है। ऐसी युद्ध की त्रासदी का सामना कर रहे लोगों वहां जाकर काम कर रहे भारतीय भी हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि इन लोगों की सुरक्षा को लेकर भारत सरकार चिंतित और उनकी वापसी का प्रबंध कर रही है। इसके लिए सरकार ने ऑपरेशन अजय के जरिए वहां से भारतीयों को स्वदेश लाने की मुहिम शुरू की है।
अब तक पांच उड़ानें वहां बसे भारतीयों को स्वदेश ला चुकी हैं। एक अनुमान के अनुसार इजरायल और फिलिस्तीन के युद्ध क्षेत्र में बदलने से वहां लगभग अठारह हजार भारतीय फंसे हुए हैं। जब हमास का हमला हुआ था और हालात उसके बाद जिस तरह गंभीर होते जा रहे हैं, उसमें भविष्य की स्थिति के बारे में अभी कुछ कहना कठिन है। ऐसे में खुद इजरायल सरकार को भी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। दरअसल हमास के हमले के बाद इजरायली प्रतिक्रिया के बाद टकराव के और गहराने की स्थिति बनती जा रही है। इसलिए अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भारत की चिंता स्वाभाविक है।
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच टकराव कोई नई बात नहीं है और इस टकराव को लेकर स्थितियां कभी-कभी बेहद नाजुक हो जाती हैं। मगर हमास का ताजा हमला इस तरह अप्रत्याशित और व्यापक था कि इजरायल को भी इसकी आशंका नहीं थी, ऐसी स्थिति में यह जरूरी है कि इजरायल में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वहां से निकाला जाय। भारत को इस मामले में पर्याप्त अनुभव भी है।