दुनिया में जल की बचत आज की सबसे बड़ी जरुरत है क्योंकि अगला युद्ध पानी के लिए ही लड़ा जायेगा इस बात को अगर हम आज समझ लें तो शायद हम आज कुछ हद तक इस परेशानी से निकलने में कामयाब हो सकते हैं। क्योंकि प्रकृति द्वारा प्रदत्त उपहारों में जल का प्रमुख स्थान है। यह ऑक्सीजन जितना ही महत्वपूर्ण और आवश्यक है।
यह सही है कि प्रकृति ने सृष्टि को जल प्रचुरता के साथ दिया है लेकिन यह भी सही है कि अंधाधुंध इस्तेमाल से जल की कमी आने वाले वर्षों में हो सकती है। इस समय भी हालत यह है कि जल का स्तर गिरता जा रहा है। ऐसे में वर्षा जल का संचयन बहुत आवश्यक हो गया है। जल एवं जल स्रोतों को संरक्षित कर उनको प्रदूषण से बचाना आज बहुत आवश्यक हो गया है। तभी सब लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकेगा।
जल ऐसी चीज है जो मानव तथा पशुओं और पक्षियों के लिए समान रूप से आवश्यक है। इसके न होने पर किसी भी तरह के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। यह बात भी ध्यान रखने की है कि वर्षा काल में जल का संरक्षण नहीं किया जाता जो विडंबना से कम नहीं है।
हालांकि सरकारी स्तर पर जल संचयन का प्रावधान गृह निर्माण के मौके पर किये जाने का प्रावधान किया गया है लेकिन उसका पालन ठीक तरह से नहीं हो रहा है। इसलिए बढ़ती आबादी और घटते जल संसाधन चिंता का विषय है। जल जहां मानव जीवन के लिए आवश्यक है, वहीं सिंचाई तथा निर्माण कार्यों में भी इसका उपयोग आवश्यक होता है। इन कार्यों में जल का कोई विकल्प नहीं है।
सिंचाई के लिए दो माध्यम होते हैं। पहला ट्यूबवेल जैसे संसाधन और दूसरा वर्षा जल। चूंकि जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा की निश्चितता नहीं है इसलिए ट्यूबवेल आदि की जरूरत ही खासतौर पर रहती है। ऐसे में जल का संचय किया जाना आवश्यक हो जाता है। जरूरी यह भी है कि जल के प्रयोग को सीमित किया जाय जिससे यह व्यर्थ न जाने पाए और भविष्य के टाने के लिा गट बना टे।