अनुपम जयसवाल
किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए समर्पण बहुत जरूरी है। कोई भी लक्ष्य तय करते समय ही यह भावना होनी चाहिए कि अब मुझे यह कार्य पूरा करना ही है चाहे कुछ भी हो जाए। लक्ष्य हासिल करने के लिए आपको डूब जाना होगा।
जीवन में हर कोई सफल होना चाहता है, लेकिन सफलता इसके लिए व्यक्ति से समर्पण मांगती है। दुनिया के महापुरुषों के पास भी उतना ही समय रहा है जितना किसी सामान्य व्यक्ति के पास होता है लेकिन वे सफल हुए और दूसरों के लिए उदाहरण बने क्योंकि उनमें और सामान्य जन में एक बड़ा अंतर ये था कि वे अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित थे।
स्वामी विवेकानंद के इस कथन पर ध्यान दें…
एक विचार लें। उस विचार को अपनी जिंदगी बना लें। उस विचार के बारे में सोचें। उसके सपने देखें। उस विचार को जिएं कि आपका मन, आपकी मांसपेशियां और शरीर का प्रत्येक अंग उस विचार से भरपूर हो। इस दौरान दूसरे सभी विचारों को छोड़ दें। यही सफलता का तरीका है।